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Que : 746. छायावाद की दो प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए।

Answer:

छायावादी काव्य की विशेषताएँ —

1. व्यक्तिवाद की प्रधानता— छायावाद में व्यक्तिगत भावनाओं की प्रधानता है। वहाँ कवि अपने सुख—दुख एवं हर्ष—शोक को ही वाणी प्रदान करते हुए खुद को अभिव्यक्त करता है।

2. शृंगार भावना— छायावादी काव्य मुख्यतया श्रृंगारी काव्य है किन्तु उसका श्रृंगार अतीन्द्रिय सूक्ष्म शृंगार है। छायावाद का शृंगार उपभोग की वस्तु नहीं, अपितु कौतूहल और विस्मय का विषय है। उसकी अभिव्यंजना में कल्पना और सूक्ष्मता है।

3. प्रकृति का मानवीकरण— प्रकृति पर मानव व्यक्तित्व का आरोप छायावाद की एक प्रमुख विशेषता है। छायावादी कवियों ने प्रकृति को अनेक रूपों में देखा है। कहीं उसने प्रकृति को प्रेयसी के रूप में अपनाया है तो कहीं नारी के रूप में देखकर उसके सूक्ष्म सौंदर्य का चित्रण किया है।

4. सौंदर्यानुभूति— यहाँ सौन्दर्य का अभिप्राय काव्य सौन्दर्य से नहीं, सूक्ष्म आंतरिक सौंदर्य से है। बाह्य सौन्दर्य की अपेक्षा आंतरिक सौन्दर्य के उद्घाटन में उसकी दृष्टि अधिक रमती है। सौन्दर्योपासक कवियों ने नारी के सौन्दर्य .....



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