विज्ञान

Que : 398. मादा जनन तन्त्र का स्वच्छ नामांकित चित्र बनाईये तथा इसका संक्षिप्त वर्णन कीजिए।

Answer:

मादा जनन तंत्र को प्राथमिक एवं द्वितीयक लैंगिक अंगों को विभेदित किया जा सकता है-

प्राथमिक जनन अंग

(Primary Reproductive Organs)

मादा में प्राथमिक जनन के तौर पर एक जोड़ी अण्डाशय पाये जाते हैं। अण्डाशय छोटे एवं अण्डाकार अंग का युग्म होता है, जो वृक्क के समीप उदरीय गुहा में स्थित होते हैं । अण्डाशय मादा का प्राथमिक जनन अंग होता है जो मादा युग्मक अथवा अण्ड का उत्पादन तथा मादा लेंगिक हार्मोन ऐस्ट्रोजन एवं प्रोजेस्ट्रोन के स्त्रावण के दोहरे कार्य करता है।

द्वितीयक लैंगिक अंग

(Secondary Reproductive Organs)

नर की भांति स्त्रियों में प्राथमिक अंगों के अलावा जनन कार्यों में मदद करने वाले अंग द्वितीयक लैंगिक अंग कहलाते हैं । ये निम्न हैं-

(a) अंडवाहिनी (Eallonian tube) - यह लम्बी कुण्डलित नलिका का युग्म होता है जो अण्ड या अण्डाणु को अण्डाशय से गर्भाशय में लेकर जाती है। डिम्बवाहिनी में अण्डाशय के पास कीप के आकार का द्वार होता हैं। यह नलिकायें दोनों सिरों से पेशीय संरचना चाले गर्भाशय में खुलती हैं। इसकी लम्बाई 10-12 सेमो. होती है तथा यह निषेचन क्रिया के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ बनाने में मदद करती हैं।

(b) गर्भाशय (Uterus)- इसे बच्चेदानी भी कहते हैं। यह खोखली, नाशपती के आकार का अंग है जिसमें भ्रूण विकसित होता है। इसका ऊपरी भाग चौड़ा होता है जबकि इसक निचला भाग संक्रा होता है, जो ग्रीवा कहलाता हैं। गर्भांशय, ग्रीवा द्वारा योनि में खुलता है । माता और भ्रूण के मध्य स्थापित कड़ी प्लेसेंटा का रोपण भी गर्भाशय में ही होता है।

(c) योनि (Vagina)- योनि भी एक नलिका के समान संरचना होती है तथा इसे .जन्म नलिका. या रज स्राव की नलिका भी कहा जाता है योनि नर से शुक्राणु ग्रहण करती है तथा जो पूर्ण विकसित शिशु के जन्म हेतु मार्ग के रूप में कार्य करती है। योनि में लैक्टोबैसिलस जीवाणु पाये जाते हैं जो लैंक्टिक अम्ल का निर्माण करते हैं।


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