मुहावरों का संग्रह

सीने में दम होना = साहसी होना।
प्रयोग : यदि सीने में दम है तो जनरल सिंह से टकराकर देखो।
ईंट से ईंट बजा देना = युद्धात्मक विनाश लाना।
प्रयोग : शिवाजी ने औरंगजेब की ईंट से ईंट बजा दी।
लोहे के चने चबाना = कठिन काम।
प्रयोग : भारतीय सेना से टक्कर लेना, लोहे के चने चबाने जैसा है।
कान में भनक पड़ना = रहस्य की बात जानना।
प्रयोग : सैनिक विद्रोह करने वाले हैं इसकी भनक राजा को लग चुकी है।
उल्टी गंगा बहना = प्रतिकूल या उल्टा कार्य करना।
प्रयोग : लड़की द्वारा लड़के से शादी का प्रस्ताव किया जाना उल्टी गंगा बहाने जैसा कार्य है।
गुदड़ी का लाल होना = गरीब घर में गुणवान पैदा होना।
प्रयोग : लाल बहादुर शास्त्री गुदड़ी के लाल थे |
ठेस लगना = दुखद अनुभव होना।
प्रयोग : बेटे के असफल होने के समाचार से माँ को तो ठेस लगेगी ही।
काम तमाम करना = समाप्त करना।
प्रयोग : सिपाही ने एक ही बार में डकैत का काम तमाम कर दिया।
मुँह लगना = बढ़-चढ़कर बातें करना।
प्रयोग :बहुत से लोगों में मुँह लगने की आदत होती है।
अक्ल का दुश्मन = मूर्ख व्यक्ति ।
प्रयोग :सलीम से इस कार्य की आशा न करो, वह तो अक्ल का दुश्मन है।
मिट्टी में मिलना = नष्ट होना।
प्रयोग :समय पर कार्यवाही न होने के कारण उसके अरमान मिट्टी में मिल गये।
बल्लियों उछलना = बहुत खुश होना।
प्रयोग :सुरेश ने ज्यों ही अपना रिजल्ट सुना त्यों ही बल्लियाँ उबलने लगा क्योंकि वह कक्षा में प्रथम आया था।
आँखें फेरना = ध्यान न देना ।
प्रयोग : मेरी माँ की मृत्यु के बाद मेरे मामाओं ने भी मुझसे आँखें फेर ली।
ताड़ जाना=किसी बात को न बताने पर भी समझ जाना।
प्रयोग :रतन को देखते ही दादा जी ताड़ गये कि वह बगीचे से आम चुराने आया है।
अंधे की लाठी = एक मात्र सहारा।
प्रयोग : श्रवण कुमार अपने माता-पिता के लिए अंधे की लाठी था।
सिर धुनना = पछताना।
प्रयोग : पहिले तो बिना सोचे समझे बन्जारन ने नेवले को मार दिया और अब सिर धुन रही है।
अँगूठा दिखाना = धोखा देना।
प्रयोग : अपना काम निकल जाने पर रमेश ने मोहन को अँगूठा दिखा दिया।
आँखों पर पट्टी बाँधना = अनजान बनना।
प्रयोग : बेटा चोरी करने लगा फिर भी उसके माता-पिता आँखों पर पट्टी बाँधे बैठे हैं।
आँख में धूल झोंकना = धोखा देना।
प्रयोग : न्यायालय जाते समय चोर, सिपाही की आँख में धूल झोंककर = भाग गया।
गड़े मुर्दे उखाड़ना = पुरानी बातों को शिकायत करना।
प्रयोग : जन समझौता कर हो चुके हो तो अब गड़े मुर्दे कपों उखाड़ते हो।
आग बबूला होना = बहुत अधिक क्रोधित होना ।
प्रयोग : अपने छोटे भाई को सिगरेट पीते देख बड़ा भाई सोमेश आग बबूला हो गया और उसने छोटे की जमकर पिटाई कर दी।
कमर कसना = तत्पर होना।
प्रयोग : अगले हफ्ते में परीक्षा होगी, तुम लोग कमर कस लो।
ईद का चाँद होना = बहुत दिनों बाद दिखना।
प्रयोग : तुम तो भाई ईद के चाँद हो गये हो, ठीक दो साल बाद मिल रहे हो, कहाँ थे इतने दिन ?
उँगली उठाना = दोषी ठहराना ।
प्रयोग : मुझ पर कोई उँगली नहीं उठा सकता क्योंकि मैं कभी गलत काम नहीं करता।
गागर में सागर भरना = थोड़े में बहुत ।
प्रयोग : बिहारी दास के दोहे तो गागर में सागर हैं।
सिर पर कफन बाँधना = मरने को तैयार रहना।
प्रयोग : और आजादी का दीवाना भगत सिंह सिर पर कफन बाँधकर घर से निकल पड़ा।
खून पसीना एक करना = बहुत मेहनत करना।
प्रयोग : पिताजी ने खून पसीना एक करके यह मकान बनवाया है।
आँखों का तारा होना = अत्यधिक प्यारा होना ।
प्रयोग : सोहन अपनी विधवा माँ की आँखों का तारा है।
अपने पैरों पर खड़ा होना = स्वावलम्बी होना।
प्रयोग : अपने पैर पर खड़े होने के बाद ही शादी करना = उचित है।
मुँह छिपाना=किसी गलती से लजाना।
प्रयोग : मैं उसकी चोरी की बात जानता हूँ, इसलिए वह मुझे देखते हो मुंह छिपाने लगा।
फावड़े टिकाना = विनाम करना।
प्रयोग : श्रमिक लोग यदि फावड़े टिका दें तो संसार की गति रुक जाये।
कलई खोलना = पोल खोलना ।
प्रयोग : नेताजी के भ्रष्टाचारों का प्रमाण देकर रंजीत ने उनकी कलई खोल दी।
कलेजा न पसीजना = दया न आना।
प्रयोग : मित्र की दयनीय दशा देखकर भी यदि मित्र का कलेजा न पसीजे तो वह मित्रता के लायक नहीं है।
भौहों पर बल पड़ना = नाराज होना।
प्रयोग : अकबर का सन्देश सुनकर राणा प्रताप की भौहों पर बल पड़ गये।
खून के चूंट पीना = गुस्से को जाहिर न करना।
प्रयोग : मालिक द्वारा बेकसूर माली दादा को पिटते देखकर प्रसून खून के चूंट पीकर रह गया।
उल्लू सीधा करना = अपना कार्य सिद्ध करना।
प्रयोग : उसने अपना उल्लू सीधा किया और चलते बना।
ईंट का जवाब पत्थर से देना = जैसे का तैसा।
प्रयोग : राणा प्रताप ने अकबर को ईंट का जवाब पत्थर से दिया।
आँच न आने देना = जरा-सा नुकसान न होने देना या जरा भी कमी न आने देना ।
प्रयोग : मोहन ने गरीबी में भी अपनी ईमानदारी पर आँच न आने दी।
आँख दिखाना = रोष या अवज्ञा सूचक दृष्टि से देखना।
प्रयोग : बबलू शैतानी कर रहा था, माँ के आँख दिखाते ही चुपचाप बैठ गया।
प्रयोग : =
दाँत पीसना = गुस्सा प्रदर्शित करना।
प्रयोग : मुझे फूल तोड़ता देख माली दाँत पीसता हुआ मेरे पीछे दौड़ा।
मुंह की खाना = पराजित होना।
प्रयोग : पाकिस्तानी सेना, भारतीय सेना से कई बार मुँह की खा चुकी है।
उड़ती चिड़िया पहचानना = रहस्य की बात जानना ।
प्रयोग : गणेश को कोई धोखा नहीं दे सकता क्योंकि वह उड़ती चिड़िया पहचानता है।
डाहें मारकर रोना = जोर-जोर से रोना।
प्रयोग : खोये हुए लड़के को पाकर माँ लादें मारकर रोने लगी।
आग में घी डालना = क्रोध को और अधिक भड़काना ।
प्रयोग : कुछ महिलाएँ आग में घी डालने का काम बखूबी कर लेती हैं।आखिर रेशमा ने पड़ोस में रहने वाले पति-पत्नी में झगड़ा करवा ही दिया।
कुत्ते की मौत मरना = बुरी दशा में मरना ।
प्रयोग : कुख्यात डाकू एक मुठभेड़ में कुत्ते की मौत मारा गया।
आस्तीन का साँप = निकट का शत्रु ।
प्रयोग : लोगों को आस्तीन के साँप से सदा सावधान रहना चाहिए
लोहा लेना = युद्ध करना।
प्रयोग : महाराणा प्रताप से लोहा लेने का साहस बहुत कम वीर करते थे।

लोकोक्तियों का संग्रह

थोथा चना बाजे घना = अज्ञानी आत्ममुग्ध रहता है ।
प्रयोग : आजकल के पंडित पढ़ते-लिखते तो हैं नहीं किन्तु थोथा चना बाजे घना जैसे स्वयं पर मोहित रहते हैं।
घोड़ी नहीं चढ़े तो क्या बारात भी नहीं देखी = ज्ञानी बनना।
प्रयोग : मोहन ने हिन्दी नहीं पढ़ी तो क्या हुआ उसे हिन्दी का बहुत ज्ञान है। उस पर यह कहावत चरितार्थ होती है कि घोड़ी नहीं चढ़ी तो क्या बारात भी नहीं देखी। =
जहाँ चाह वहाँ राह = दृढ़ इच्छा शक्ति से सब कार्य हो सकते हैं।
प्रयोग : हिम्मत हारकर मत बैठो, प्रयत्न करो जहाँ चाह वहाँ राह।
हाथी के दाँत खाने के और दिखाने के और = कथनी और करनी में अन्तर ।
प्रयोग : नेता लोग वोट, माँगते वक्त तो बड़े-बड़े वायदे करते हैं किन्तु करते कुछ नहीं हैं। वस्तुतः हाथी के दाँत खाने के और दिखाने के और होते हैं। -
गागर में सागर = बहुत कम में बहुत अधिक कर देना।
प्रयोग : बिहारी ने अपनी कविताओं में गागर में सागर भर दिया है।
काला अक्षर भैंस बराबर = पढ़ा-लिखा न होना।
प्रयोग : रेवती पढ़ी-लिखी नहीं है, अतः वह पत्र नहीं पढ़ सकेगी। उसके लिये तो काला अक्षर भैंस बराबर है।
आगे नाथ न पीछे पगहा = आगे-पीछे कोई न होना।
प्रयोग : मोहन ने इतना अधिक धन कमा लिया है पर कोई लाभ नहीं है उसके आगे नाथ है न पीछे पगहा।
धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का = दुविधा में पड़ना।
प्रयोग : उसने एम. जी. की टिकिट । प्राप्त करने हेतु नौकरी छोड़ी, किन्तु टिकिट नहीं मिला। बेचारा धोबी के कुत्ते की तरह न घर का रहा न घाट का।
बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद = मूर्ख गुणों का महत्व नहीं जानता।
प्रयोग : तुम मुम्बई कभी गए ही नहीं और कह रहे हो छोटा शहर है, ये तो वही बात हुई बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद ।
ऊँची दुकान फीका पकवान = वास्तविकता से बढ़कर प्रदर्शन ।
प्रयोग : प्रसिद्ध ग्रेण्ड होटल के भोजन से मुँह का जायका ही बिगड़ गया, सच है ऊँची दुकान फीका पकवान ।
बिल्ली के भाग्य से छींका टूटा = अकस्मात् किसी वस्तु का प्राप्त होना।
प्रयोग : जेब में एक पैसा नहीं था। भाई साहब का मनीऑर्डर क्या आ गया कि बिल्ली के भाग्य से मानों छींका टूट गया।
अन्धा पीसे कुत्ता खाय = ठीक न्याय न होना ।
प्रयोग : आज भ्रष्टाचार का बोलबाला है, इसीलिए न्याय कहीं नहीं रहा, स्थिति यह है कि अन्धा पीसे कुत्ता खाय।
अन्धा बाँटे रेवड़ी फिरि-फिरि अपने को देय = अधिकार पाकर अपने ही लोगों को काम देना।
प्रयोग : यादव बाबू ने मन्त्री बनने के बाद अपने ही यादव भाइयों को कामों में लगा दिया। यह सत्य है कि अन्धा बाँटे रेवड़ी फिरि-फिरि अपने को देय।
चोर-चोर मौसेरे भाई = एक जैसी मनोवृत्ति वाले लोग।
प्रयोग : विकास और प्रयास दोनों में से किसी पर विश्वास मत करना, दोनों चोर-चोर मौसेरे भाई हैं।
अन्धेर नगरी चौपट राजा = जहाँ कोई शासन व्यवस्था न हो।
प्रयोग : बिहार में तो अंधेर नगरी चौपट राजा की बात चरितार्थ हो रही है । =
आधी छाड़े सारी को धावै, आधी मिले न पूरी पावै = प्राप्ति से असंतुष्ट।
प्रयोग : राम बी.एड. और बी.ए. एक साथ कर रहा है। उसके साथ यह कहावत न चरितार्थ हो जावे कि आधी छाड़े सारी को धावै, आधी मिले न पूरी पावै। -
अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत समय बीतने पर पछतावा।
प्रयोग : अब फेल होने पर रोने से क्या फायदा ? अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत ।
का वर्षा जब कृषि सुखानी = कार्य पूर्ण होने पर प्रयास करना ।
प्रयोग : आधा शहर जब प्यासों मरने लगा तब नगर-निगम ने नलकूप खोदना प्रारम्भ किया। यह तो वही हुआ कि का वर्षा जब कृषि सुखानी।
अधजल गगरी छलकत जाय = अपने अल्प गुणों का प्रदर्शन अधिक करना।
प्रयोग : घूसखोरी में अधिक कमा लेने के कारण मोहन का दिमाग नहीं मिलता, वास्तव में सच है अधजल गगरी छलकत जाय।
आँख के अंधे नाम नयनसुख = नाम के अनुसार गुण न होना ।
प्रयोग : नयनाभिराम को पढ़ने में चश्मा लगता है तब वह बड़ी मुश्किल से पढ़ पाता है। उसे देखकर एक सज्जन व्यक्ति ने कहा, आँख के अंधे नाम नयनसुख।
आम के आम गुठलियों के दाम = दोहरा लाभ।
प्रयोग : रजनी सिलाई का काम करती है और उसकी माँ कतरनों की गुड़िया बनाकर बेचती है, यह सत्य है आम के आम गुठलियों के दाम।
अपना हाथ जगन्नाथ = अपना काम स्वयं करना चाहिए।
प्रयोग : अपना हाथ जगन्नाथ यह सत्य है, क्योंकि रामू किसान भी अपने खेती का काम स्वयं करता है।
ऊँट के मुँह में जीरा = आवश्यकता अधिक पर आपूर्ति कम ।
प्रयोग : कक्षा में कुल साठ छात्राएँ हैं, उनके लिये एक किलो मिठाई ऊँट के मुँह में जीरे के समान है।